Ek Khuld ka dar hai meri gor ke andar khula
Amal:- deed/ काम
Khuld:-Heaven/ जन्नत
Gor:- Grave/ कबर
ग़ालिब की शायरी में एक और कीमती नगीना। ग़ालिब की के खयाल के बारे में जितनी तारीफ करें उतना कम है।
ख़ुदा की रहमत की मिसाल दे रहा है ग़ालिब।
कहते हैं की
एक ख़्याल है की में अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा काम किया होऊंगा। किया होगा या ना होगा वो बाद की बात है। बस ख़्याल आया की कुछ अच्छे काम किया है मैने।
इतना सोचना ही था की ख़ुदा की रहमत देखिए की मेरी कबर में जन्नत की खिड़की खुल गई।
ऐसे शेर बस ग़ालिब ही लिख सकते थे। कमाल की समझ ही उन्हे हर चीज़ की। और क्या कमाल का जर्फ है उनकी शायरी में।
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