Dozakh mei daal do koi le kar bahisht ko
Taa'at:- Devotion / इबादत
Mai-o-angbeeñ:- Wine and honey
Dozakh:- जहन्नुम/ Hell
Bahisht:- Heaven / जन्नत 
इबादत में कभी लालच नहीं रखना की जन्नत मिलेगी। जन्नत में शराब ए तुहूर मिलेगा। किसी तरह का लालच नहीं रहना चाहिए।
इबादत तो इसी लिए की जानी है क्यों की वो उसका हक है।
जन्नत को जहन्नुम में डाल दो। ऐसा ऐसा है तो जन्नत जैसा कुछ रहना ही नही चाहिए।
मिर्ज़ा ग़ालिब यहां अपनी बेमिसाल समझदारी और इल्म का सुबूत दे रहे हैं। 
  
No comments:
Post a Comment