Jitni zarurat hai utna kahunga
Jitni himmat hai utna kahunga
Jo baat kahni hai mukammal hogi
Har ek baat par us mei meri amal hogi
Kuchh baaten tumhe raaz lagenge
Kuchh baaten pahle hi pata hongi
Kaii baaten aesi hongi jo khush karengi
Kuchh baaten hongi yaqeen se pare
Agar be-gharaz lage to uth kar chale jaiyega
Agar baith gaye
To
Gaur se suniyega
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जितनी ज़रूरत है उतना उतना कहूंगा
जितनी हिम्मत है उतना कहूंगा
जो बात कहनी है मुकम्मल होगी
हर एक बात पर उस में मेरी अमल होगी
कुछ बातें तुम्हे राज़ लगेंगे
कुछ बातें पहले ही पता होंगी
कई बातें ऐसी होंगी जो खुश करेंगी
कुछ बातें होंगी यक़ीन से परे
अगर बे-ग़रज़ लगे तो उठ कर चले जाइएगा
अगर बैठ गए
तो
गौर से सुनियेगा
Meaning:-
Mukammal:- Complete, पूरा
Amal:- Obedience Act , कार्य करना
Be-gharaz:- No Reason, बे-वजह
written by Mustafiz
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