Parwat teri oonchai ka khayal kya karen
Fasal teri si.nchai ka kamal kya kahen
Jab khud unka muwazna jannat se ho chuka
'Maa' teri badai pe sawaal kya karen
पर्वत तेरी ऊँचाई का ख्याल क्या करें
फसल तेरी सिंचाई का कमल क्या कहें
जब खुद मुवाज़ना जन्नत से हो चूका
'माँ' तेरी बड़ाई पे सवाल क्या करें
Meaning:-
Muwazna:- Comparison, तुलना
written by Mustafiz
For image of the above shayari, Click HERE
Fasal teri si.nchai ka kamal kya kahen
Jab khud unka muwazna jannat se ho chuka
'Maa' teri badai pe sawaal kya karen
पर्वत तेरी ऊँचाई का ख्याल क्या करें
फसल तेरी सिंचाई का कमल क्या कहें
जब खुद मुवाज़ना जन्नत से हो चूका
'माँ' तेरी बड़ाई पे सवाल क्या करें
Meaning:-
Muwazna:- Comparison, तुलना
written by Mustafiz
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